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Category: Jainism

सूचीकरण शोध नवनीत लेख – १८ प्रतिलेखक द्वारा पत्रांक लेखन व गाथानुक्रमभंग पाठ उदाहरण प्रत क्रमांक-१७८१९८ के सन्दर्भ में पं. संजय कुमार झा

कृति परिचय प्रस्तुत स्तवनमां श्री शत्रुंजय उपर सिद्ध अवस्था पामेला महापुरुषोना नामोल्लेखपूर्वक शत्रुंजयतीर्थनी स्तवना कराई छे। कर्ताने आसो मासनी रात्रीए स्वप्नमां दादानां दर्शन थयां अने...

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सहजकीर्ति गणि रचित सुगुरु-कुगुरु षट्त्रिंशिका मुनि चंद्रदर्शनविजय म.सा. (डहेलावाला)

कृति परिचय प्रस्तुत स्तवनमां श्री शत्रुंजय उपर सिद्ध अवस्था पामेला महापुरुषोना नामोल्लेखपूर्वक शत्रुंजयतीर्थनी स्तवना कराई छे। कर्ताने आसो मासनी रात्रीए स्वप्नमां दादानां दर्शन थयां अने...

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विभिन्न कवि कर्तृक बे अप्रगट विवाहला गणि सुयशचंद्र-सुजसचंद्रविजयजी

कृति परिचय प्रस्तुत स्तवनमां श्री शत्रुंजय उपर सिद्ध अवस्था पामेला महापुरुषोना नामोल्लेखपूर्वक शत्रुंजयतीर्थनी स्तवना कराई छे। कर्ताने आसो मासनी रात्रीए स्वप्नमां दादानां दर्शन थयां अने...

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ज्योतिषसारोद्धार : कृति परिचय अप्रकाशित कृति परिचय लेखमाला-लेख-१२ लेखक-संजय कुमार झा

कृति परिचय प्रस्तुत स्तवनमां श्री शत्रुंजय उपर सिद्ध अवस्था पामेला महापुरुषोना नामोल्लेखपूर्वक शत्रुंजयतीर्थनी स्तवना कराई छे। कर्ताने आसो मासनी रात्रीए स्वप्नमां दादानां दर्शन थयां अने...

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सूचीकरण शोध नवनीत लेख – १७ प्रतिलेखक द्वारा लिखित भ्रामक पाठ परिचय के सन्दर्भ में पं. संजय कुमार झा

कृति परिचय प्रस्तुत स्तवनमां श्री शत्रुंजय उपर सिद्ध अवस्था पामेला महापुरुषोना नामोल्लेखपूर्वक शत्रुंजयतीर्थनी स्तवना कराई छे। कर्ताने आसो मासनी रात्रीए स्वप्नमां दादानां दर्शन थयां अने...

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श्री धनविजय मुनिकृत श्री नेमनाथ स्तवन सा. श्री ऋषभलेखाश्रीजी (नेमिसूरि समुदाय)

कृति परिचय प्रस्तुत स्तवनमां श्री शत्रुंजय उपर सिद्ध अवस्था पामेला महापुरुषोना नामोल्लेखपूर्वक शत्रुंजयतीर्थनी स्तवना कराई छे। कर्ताने आसो मासनी रात्रीए स्वप्नमां दादानां दर्शन थयां अने...

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कवि ब्रह्मर्षि कृत परमेश्वर प्राघूर्णक स्तवन गणि सुयशचंद्र-सुजसचंद्रविजयजी

‘नवधा भक्ति’ आ शब्दथी आपणे परिचित छीए। मूळे वैदिक परंपरामां वपरातो आ शब्द प्रभुनी नव प्रकारे भक्ति सूचवे छे। जेमानां श्रवण, कीर्तन, स्मरण, पादसेवन,...

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जैन अंगसूत्रों के आधार पर बुद्ध एवं महावीर की समकालीनता की समीक्षा

ग्रन्थमाला आधारित शोध पद्धति : कभी-कभी वाचक किसी ग्रन्थमाला का नाम लेकर आता है और प्रश्न करता है कि अमुक ग्रन्थमाला की कौन-कौन सी...

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विविध संवतों का प्रमाणसिद्ध अंतर एवं वीर निर्वाण की निर्विवाद कालगणना

वीर निर्वाण के सही समय को सिद्ध करने के लिए एकाधिक प्रमाणों एवं युक्तिओं में से एक प्रमाण विविध संवतों के अंतर का भी...

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